उज्जैन कलेक्टर रोशन सिंह की जन सुनवाई में शिकायती पत्र लेकर पहुचे निजी सुरक्षा क्रिस्टल कंपनी के गार्ड,तीन महा का वेतन दिलाने की गुहार

उज्जैन कलेक्टर रोशन सिंह की जन सुनवाई में शिकायती पत्र लेकर पहुचे निजी सुरक्षा क्रिस्टल कंपनी के गार्ड,तीन महा का वेतन दिलाने की गुहार
पंकज शर्मा पत्रकार
लोकेशन महाकाल मंदिर
अपनी ही कंपनी के अमानवीय व्यवहार से परेशान होकर शिकायत करने पहुंचे क्रिस्टल कंपनी के गार्ड, तीन महा का वेतन पाने के लिए कलेक्टर से की गुहार, कब मिलेगा हमारा वेतन ।
शिकायती पत्र में 3 महा से वेतन दिलाने की गुहार जिला कलेक्टर रोशन सिंह के सामने की ओर कंपनी के so के खिलाफ अमानवीय व्यवहार करने पर कार्यवाही करने का विवेदन किया ।
आज मंगलवार के दिन विक्रमादित्य संकुल भवन में जिला कलेक्टर रोशन सिंह ने जनमानस की समस्याओं को सुना और संबंधित विभाग के अधिकारी को जनता की समस्याओं का निराकरण करने का आदेश दिया इसी दौरान उज्जैन जिला कलेक्टर रोशन सिंह के सामने महाकाल मंदिर मैं सुरक्षा देने वाली क्रिस्टल कंपनी के गार्ड एक शिकायती पत्र लेकर पहुंचे ।
महाकाल मंदिर निजी सुरक्षा कंपनी ने अपने सुरक्षा कर्मी को तीन महा से वेतन नहीं दिया बल्कि उनके अधिकारी सुरक्षाकर्मी से बोलते हे कि काम करना हो तो करो वरना घर चले जा ओ, वेतन तो नहीं मिलेगा, तुमको जो करना हो वहा करो, जिसके पास जाना हो जाओ, आना तो यही पड़ेगा ।
सूत्रों की माने तो लगभग सभी सुरक्षा कर्मी वेतन को लेकर अनियमितता से बहुत परेशान है और मंदिर के फालतू कर्मचारी अधिकारी बन नियम कायदे का पाठ रह दिन पढ़ाते रहते हे पर जब वेतन भुगतान की बात आती है तो इन मंदिर कर्मचारी की बोलती बंद हो जाती हे और मुंह में दही जमा कर बगले झांकते फिरते हैं और कुछ समय के लिए रफूचक्कर हो जाते हे ।
क्रिस्टल कंपनी ने अभी तक तीन महा से इनका वेतन बिना किसी कारण से रोका हुआ हे, सुरक्षा कंपनी के गार्ड जब जिले के बड़े जवाबदार अधिकारी से वेतन का दबी आवाज में बोलते हे तो जिले के बड़े सक्षम अधिकारी कहते हे कि हम अपना काम देखे या तुम्हारा वेतन देखे ।
वास्तव में महाकाल मंदिर में सुरक्षा देने वाले निजी सुरक्षा कंपनी के गार्डों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ता हे, इन दिनों बच्चों के स्कूल प्रारंभ हो गए हे, ऐसे में उनका कोर्स, बुक, यूनिफॉर्म, लंच बॉक्स, स्कूल, ऑटो फीस बहुत से बीसीबत बनी हुई है । जिन पर बीते वही जाने इनका क्या हे ।
इधर हर कोई अधिकारी निजी सुरक्षा कंपनी के गार्डों से बेहत ईमानदारी से कार्य करने की इच्छा जताता है,की मंदिर के गार्ड सत्कार का कार्य अच्छे से करे और बाबा महाकाल के भक्त उज्जैन से अच्छी छबि बना कर जाए पर जब सुरक्षा कर्मी के वेतन की बात आती हे तो बड़े से बड़े अधिकार मुंह फेरे धीरेसे खिसक जाता हे और मंदिर के छोटे कर्मचारी सुरक्षा कर्मी पर अपना रोब झड़ते फिरता हैं जो किसी पोजीशन में नहीं हे फिर भी बाले बाले अधिकारी बन छोटे सुरक्षा कर्मी को डरता रहता हैं ।
महाकाल मंदिर के निजी सुरक्षा कर्मी अपनी जीविका कैसे चलाए जब की उनको तीन महा से हक का वेतन तक नहीं मिल पा रहा है ।